बसपा, कांग्रेस, अपनादल और पार्टी से बगावत कर जीते सदस्यों ने बनाया माहौल
समाजवादी पार्टी ने दी जोरदार टक्कर, पर कुछ निर्दलीय सदस्यों ने छोड़ा साथ लखीमपुर खीरी। भले ही जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सत्ता पक्ष का माना जाता हो। पर यहां भाजपा का गणित काफी कमजोर था। 72 सदस्यों वाली जिला पंचायत में मात्र सात सदस्य भाजपा के हैं। जबकि समाजवादी पार्टी के 14 सदस्य हैं। ऐसे में चुनाव जीतना भाजपा के मजबूत प्रबंधन का नतीजा है।
मतदाताओं को संभालकर रखने में भाजपा कामयाब रही। हालांकि उसे बड़ी जीत नहीं मिली। बहुमत से मात्र दो वोट ही ज्यादा हासिल कर पाई। लेकिन उसकी जीत इसलिए महत्वपूर्ण है कि भाजपा से दोगुने सदस्य सपा के जीते हैं। निर्दलियों के दरवाजे दोनों पार्टियों के लिए खुले थे। समाजवादी पार्टी ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी। तीन वोट निरस्त न होते तो जीत का अंतर और कम होता। ऐसे में अपने सदस्यों को घुमा-फिराकर साध ले जाना बड़ी बात है। हालांकि सपा अपने कम वोटों के पीछे अपने समर्थकों को शासन-प्रशासन का दबाव बता रही है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा को उसके पांच बागियों का साथ मिला। बसपा भी उसके साथ खड़ी रही। अपना दल, कांग्रेस के उसके साथ खड़े होने का असर निर्दलियों पर पड़ा। इस वजह उनका भी झुकाव भाजपा की ओर हो गया। हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष के अनुसार उनकी गणित के हिसाब से कम वोट मिले।
उम्मीद से कम मिले वोट
उम्मीद से कुछ कम वोट मिले हैं। हम उसका भी विश्लेषण कर रहे हैं। कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ हुई है, उसका हम आत्ममंथन करेंगे कि कहां से हमसे चूक हुई। रविवार तक हम पूरी तस्वीर साफ कर लेंगे। - सुनील सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा
भाजपा ने नहीं प्रशासन ने हराया
34 वोट तो हमको मिले ही हैं। तीन वोट तो हमारे खराब निकल गए। शासन और प्रशासन का दबाव इतना था कि कुछ हमारे सदस्य टूट गए। अगर प्रशासन का दबाव नहीं होता तो भाजपा हमको नहीं हरा पाती। - रामपाल सिंह यादव, जिलाध्यक्ष सपा
बस से पहुंचे भाजपा समर्थक सदस्य
शनिवार को सुबह बाईपास स्थित एक होटल से भाजपा समर्थकों से भरी बस 11 बजकर 13 मिनट कलक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर पहुंची, जिसमें भाजपा नेताओं की तरफ से 40 समर्थकों के होने का दावा किया गया। बस जैसे ही कलक्ट्रेट के द्वार पर रुकी कि बस में सवार समर्थकों ने भाजपा प्रत्याशी ओम प्रकाश भार्गव के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। बस से सबसे पहले ओम प्रकाश भार्गव ही निकले, जो जांच और सत्यापन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद सीधे डीएम कोर्ट में दाखिल हो गए और चुनाव परिणाम के नतीजे घोषित होने तक वहीं बैठे रहे, जबकि मतदान करने के बाद भाजपा समर्थक एक-एक कर बस में बैठने लगे। बस जब चली तो उसमें दावे से कम ही सदस्य दिखे। इस पर वहां मौजूद भाजपा नेता ब्रजेश सिंह से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बाकी के लोग अन्य साधनों से अपने-अपने घर चले गए।
सपा प्रत्याशी की सास का मत हुआ खराब
सपा प्रत्याशी अंजलि भार्गव की सास सुशीला देवी का मत अमान्य हो गया। प्रत्याशी के समर्थक ने बताया कि तीन मत अमान्य हुए हैं, जिसमें एक अंजली भार्गव की सास सुशीला और एक सदस्य मिथलेश का रहा। सपा के मुताबिक तीसरा मत इंक लगने पर अमान्य कर दिया गया।
परिसर में जांच के लिए थे तीन घेरे
कलक्ट्रेट परिसर में जाते ही पहले सदस्य की तलाशी ली गई, उसके बाद हाथ साफ करने के लिये सैनिटाइजेशन टेबल थी। उससे आगे बढ़ने पर ब्लॉक वार सभी 15 ब्लॉकों के काउंटर लगाए गए थे। जहां, पहुंचने पर प्रशासन की तरफ से मोर्चा संभाले हुए धौरहरा एसडीएम रेनू एक एक सदस्य की फोटो खिंचवाकर उनकी पहचान करवा रहीं थीं, जिसके बाद अपने ब्लॉक के काउंटर पर सत्यापन करवाकर वोट डालने के लिए सदस्यों ने डीएम कोर्ट के बाहर लाइन में लगकर वोट किया।