स्वास्थ्य विभाग की चिंता बने 60 हजार कुपोषित बच्चे
लखीमपुर खीरी। एक ओर कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर सर्वे में 60 हजार बच्चे कुपोषित मिलने पाए जाने के कारण स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ गई है। अधिकारी बताते हैं कि सबसे ज्यादा 285 कु्पोषित बच्चे धौरहरा ब्लॉक में हैं। कुपोषित बच्चों की इम्युनिटी काफी कमजोर होती है, जल्द ही सभी बच्चों का इलाज शुरू किया जाएगा।कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने भयंकर तबाही मचाई। तमाम लोग अपनी जान गंवा बैठे। इस बीच तीसरी लहर के आने की आशंका और बच्चों के लिए खतरनाक बताया जाना, स्वास्थ्य विभाग के लोगों से लेकर आम लोगों के लिए चिंता का कारण बन गया है। फिलहाल, जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए जोर शोर से तैयारियों में जुटा है। इसके लिए जिला अस्पताल से लेकर चार सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट तैयार किए जा रहे हैं।
संक्रमित होने पर बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए सीएचसी पर बेड बढ़ाने के साथ ही कोविड अस्पताल जगसड़ में 20 बेड का आईसीयू वार्ड तैयार हो रहा है। इन सब तैयारियों के बीच स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन के लिए जिले में कुपोषण का शिकार 60709 बच्चे चिंता का सबब बने हैं। कारण, कुपोषण का शिकार बच्चों की इम्युनिटी बेहद कमजोर होती है। इसलिए ये बच्चे बीमारियों की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। हालांकि विभागीय जिम्मेदार इन बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष रणनीति बनाने का दावा कर रहे हैं।
शून्य से पांच साल तक के कुल बच्चे- 333475
वजन लिया गया- 298038
मध्यम कुपोषित- 37102
अति कुपाषित-11487
गंभीर अल्प वजन- 1308
मध्यम गंभीर अल्प वजन- 10812
ब्लॉक- अतिकुपोषित बच्चे
धौरहरा- 285
निघासन- 104
फूलेबहड़- 106
रमियाबेहड़- 196
नकहा- 89
बेहजम- 75
मितौली- 71
पसगवां- 98
गोला- 31
पलिया- 45
बांकेगंज- 29
तीसरी लहर की संभावना को लेकर आरबीएसके टीम सदस्यो को सीडीपीओ से संपर्क कर कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित करने के लिए कहा है, जिससे बच्चों के कुपोषित होने की मालुमात हो सके। बच्चा यदि बीमारी से कुपोषित है तो उसे सीएचसी पर भर्ती कराकर इलाज मुहैया कराया जा सके। यदि खानपान के कारण बच्चा कुपोषण का शिकार है तो उसे जिला अस्पताल के कुपोषण वार्ड में भर्ती कराकर कुपोषण के चंगुल से मुक्त कराया जा सके। - डॉ. आरपी दीक्षित, एसीएमओ एवं नोडल बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
संक्रमित होने पर बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए सीएचसी पर बेड बढ़ाने के साथ ही कोविड अस्पताल जगसड़ में 20 बेड का आईसीयू वार्ड तैयार हो रहा है। इन सब तैयारियों के बीच स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन के लिए जिले में कुपोषण का शिकार 60709 बच्चे चिंता का सबब बने हैं। कारण, कुपोषण का शिकार बच्चों की इम्युनिटी बेहद कमजोर होती है। इसलिए ये बच्चे बीमारियों की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। हालांकि विभागीय जिम्मेदार इन बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए विशेष रणनीति बनाने का दावा कर रहे हैं।
शून्य से पांच साल तक के कुल बच्चे- 333475
वजन लिया गया- 298038
मध्यम कुपोषित- 37102
अति कुपाषित-11487
गंभीर अल्प वजन- 1308
मध्यम गंभीर अल्प वजन- 10812
ब्लॉक- अतिकुपोषित बच्चे
धौरहरा- 285
निघासन- 104
फूलेबहड़- 106
रमियाबेहड़- 196
नकहा- 89
बेहजम- 75
मितौली- 71
पसगवां- 98
गोला- 31
पलिया- 45
बांकेगंज- 29
तीसरी लहर की संभावना को लेकर आरबीएसके टीम सदस्यो को सीडीपीओ से संपर्क कर कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों को चिह्नित करने के लिए कहा है, जिससे बच्चों के कुपोषित होने की मालुमात हो सके। बच्चा यदि बीमारी से कुपोषित है तो उसे सीएचसी पर भर्ती कराकर इलाज मुहैया कराया जा सके। यदि खानपान के कारण बच्चा कुपोषण का शिकार है तो उसे जिला अस्पताल के कुपोषण वार्ड में भर्ती कराकर कुपोषण के चंगुल से मुक्त कराया जा सके। - डॉ. आरपी दीक्षित, एसीएमओ एवं नोडल बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम