Lakhimpur Kheri : कोरोना का दंश ः बरातघर, टेंट कारोबारी भी परेशान
लखीमपुर खीरी। सहालग के सीजन में बरात घर, टेंट, कैटर्स आदि के कारोबारियों का धंधा कोरोना ने काफी हद तक चौपट कर दिया है। कोरोना के कारण पिछले साल की तरह इस बार भी तमाम शादियों की तारीख आगे बढ़ गईं या फिर लोगों ने बुकिंग ही कैंसिल कर दी। ऐसे में सहागल से जुड़े कारोबारियों की तैयारियों पर कोरोना ने पानी फेर दिया।
कोरोना संक्रमण के कारण फरवरी से लेकर अब तक शादी बरात के अधिकतर आयोजन टल गए। कुछ लोगों ने मेहमानों की संख्या सीमित होने के कारण बुकिंग कैंसिल कर तारीखें आगे बढ़ा दीं। तो कुछ लोगों ने बुकिंग कैंसिल कर घर में ही कार्यक्रम निपटा लिए। इस कारण केटरिंग से लेकर टेंट हाउस, बरात घर कारोबारियों को तगड़ा झटका लगा है। सबसे ज्यादा ऐसे लोग परेशान हैं, जिन्होंने ऋण लेकर टेंट, लाइट आदि का काम शुरू किया था या फिर मैरिज लॉन आदि किराए पर लिए थे। इन लोगों को बैंक की किस्त की चिंता सता रही है।
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सहालग कारोबारियों का दर्द
शादी बारात से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि कोरोना के कारण काम धंधा पिछले साल से पूरी तरह चौपट है। जबकि कर्मचारियों की सैलरी से लेकर बिजली बिल सहित अन्य टैक्स तो देने ही पड़ रहे हैं। आमदनी न होने एवं घर का खर्च, फोन रिचार्ज, केबल टीवी रिचार्ज, बच्चों की फीस, गृहकर आदि में जमा पूंजी खत्म हो गई है। ऐसे में सरकार को विभिन्न प्रकार के टैक्स आदि में रियायत देनी चाहिए।
आयोजनों में मेहमानों की संख्या बढ़ाने की मिले अनुमति
कारोबारियों का कहना है कि सरकार को अब हम लोगों के बारे में सोचना चाहिए। कारोबार को गति देने के लिए शादी बरात में शामिल होने वालों की संख्या बढ़ानी चाहिए। संख्या सीमित होने से मेहमानों को छोड़िए लोग रिश्तेदारों तक को नहीं बुला पा रहे। संख्या बढ़ाकर सहालग से जुड़े व्यापारियों की आर्थिक स्थित में सुधार लाया जा सकता है।
कोरोना के कारण पिछले साल से चौपट हुआ सहालग का कारोबार अभी तक पटरी पर नहीं लौट सका है। तमाम बुकिंग कैंसिल हो गई। कुछ लोगों ने घर पर ही कार्यक्रम निपटा लिए। मैरिज लॉन का खर्च तक निकालना मुश्किल है।
-महावीर प्रसाद, लॉन मालिक
इस साल काम धाम बेहतर होने की उम्मीद थी। इसके लिए मैरिज लॉन मेंटीनेंस तक करा लिया था, मगर हाल पिछले साल वाला ही रहा। कई बुकिंग कैंसिल हो गई। स्टाफ का खर्च तक निकालना मुश्किल है।
- योगेश जोशी, संचालक, मैरिज लॉन
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पिछले सालों में सहालग के सीजन में फुर्सत नहीं मिल पाती थी। मगर इस बार बुकिंग के इंतजार करते रहे। जो हुई भी थी उनमें से अधिकतर कैंसिल हो गई तो कुछ लोगों ने आगे की तारीख तय कर ली है। ऐेसे में कर्मचारियों को पैसा कहां दे।
- कीर्ति वर्मा, संचालक, बरात घर
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पिछले साल से टेंट कारोबार बंद है। जो शादी बरात हो रही हैं उनमें 25 लोगों के शामिल होने की अनुमति है। इतने कम संख्या के लिए लोग न तो टेंट बुक करा रहे और न ही बर्तन आदि। जबकि स्टाफ को सैलरी से लेकर बिजली बिल आदि तो देना ही पड़ रहा है। कोरोना ने सब चौपट कर दिया।
-दलजीत सिंह, टेंट कारोबारी
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सहालग कारोबारियों का दर्द
शादी बारात से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि कोरोना के कारण काम धंधा पिछले साल से पूरी तरह चौपट है। जबकि कर्मचारियों की सैलरी से लेकर बिजली बिल सहित अन्य टैक्स तो देने ही पड़ रहे हैं। आमदनी न होने एवं घर का खर्च, फोन रिचार्ज, केबल टीवी रिचार्ज, बच्चों की फीस, गृहकर आदि में जमा पूंजी खत्म हो गई है। ऐसे में सरकार को विभिन्न प्रकार के टैक्स आदि में रियायत देनी चाहिए।
आयोजनों में मेहमानों की संख्या बढ़ाने की मिले अनुमति
कारोबारियों का कहना है कि सरकार को अब हम लोगों के बारे में सोचना चाहिए। कारोबार को गति देने के लिए शादी बरात में शामिल होने वालों की संख्या बढ़ानी चाहिए। संख्या सीमित होने से मेहमानों को छोड़िए लोग रिश्तेदारों तक को नहीं बुला पा रहे। संख्या बढ़ाकर सहालग से जुड़े व्यापारियों की आर्थिक स्थित में सुधार लाया जा सकता है।
कोरोना के कारण पिछले साल से चौपट हुआ सहालग का कारोबार अभी तक पटरी पर नहीं लौट सका है। तमाम बुकिंग कैंसिल हो गई। कुछ लोगों ने घर पर ही कार्यक्रम निपटा लिए। मैरिज लॉन का खर्च तक निकालना मुश्किल है।
-महावीर प्रसाद, लॉन मालिक
इस साल काम धाम बेहतर होने की उम्मीद थी। इसके लिए मैरिज लॉन मेंटीनेंस तक करा लिया था, मगर हाल पिछले साल वाला ही रहा। कई बुकिंग कैंसिल हो गई। स्टाफ का खर्च तक निकालना मुश्किल है।
- योगेश जोशी, संचालक, मैरिज लॉन
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पिछले सालों में सहालग के सीजन में फुर्सत नहीं मिल पाती थी। मगर इस बार बुकिंग के इंतजार करते रहे। जो हुई भी थी उनमें से अधिकतर कैंसिल हो गई तो कुछ लोगों ने आगे की तारीख तय कर ली है। ऐेसे में कर्मचारियों को पैसा कहां दे।
- कीर्ति वर्मा, संचालक, बरात घर
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पिछले साल से टेंट कारोबार बंद है। जो शादी बरात हो रही हैं उनमें 25 लोगों के शामिल होने की अनुमति है। इतने कम संख्या के लिए लोग न तो टेंट बुक करा रहे और न ही बर्तन आदि। जबकि स्टाफ को सैलरी से लेकर बिजली बिल आदि तो देना ही पड़ रहा है। कोरोना ने सब चौपट कर दिया।
-दलजीत सिंह, टेंट कारोबारी