Lakhimpur Kheri : समय पर पैसा न मिलने के कारण किसानों ने गन्ने का रकबा घटाया
कुंभी क्षेत्र में सर्वाधिक 12.57 प्रतिशत कम हुआ और ऐरा में 9.19 प्रतिशत
लखीमपुर खीरी। जनपद में चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य का भुगतान समय से न किए जाने से किसानों का गन्ने की खेती से मोह भंग होने लगा है। परेशान किसानों ने गन्ने के बजाय दूसरी नकदी फसलों की ओर रुख कर लिया है। इसी वजह से जनपद में गन्ने का रकबा घटने के आसार नजर आने लगे हैं।
गन्ना विभाग के 73 फीसदी सैंपल सर्वे में 3.31 प्रतिशत गन्ने का क्षेत्रफल कम हुआ है। कुंभी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 12.57 प्रतिशत, ऐरा में 9.19 प्रतिशत, गोला में 5.50 प्रतिशत और पलिया में 6.55 प्रतिशत गन्ने का रकबा कम हुआ है। पूरे जनपद में गन्ने का कुल 443.132 हेक्टेअर क्षेत्रफल कम हुआ है।
पिछले वर्ष 2020-21 में जनपद में गन्ने का कुल रकबा 336933 हेक्टेअर था। इससे पिछले वर्षों में भी तीन लाख के करीब रकबा रहा। गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ने से परेशान चीनी मिलों और विभाग ने भी किसानों को सहफसली खेती करने के लिए प्रेरित किया और कई मिलों ने अपने क्षेत्र के किसानों से गन्ने का रकबा कम करने का आग्रह भी किया था। बावजूद इसके गन्ने का क्षेत्रफल साल-दर-साल बढ़ता रहा।
इधर, चीनी मिलों के गन्ना मूल्य का भुगतान करने में लेट-लतीफी के मामले भी बढ़ते गए। इसका नतीजा अब दिखने लगा है, जिसकी झलक सैंपल सर्वे ने दिखाई है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि सबसे ज्यादा गोला मिल के क्षेत्र में किसानों ने गन्ने की रकबा घटाया है, क्योंकि भुगतान के मामले में बजाज ग्रुप की तीनों चीनी मिलें गोला, पलिया, खंभारखेड़ा सबसे फिसड्डी बनी हुई हैं। इसका असर है कि सबसे ज्यादा गन्ने का रकबा इन्हीं चीनी मिल क्षेत्रों में घटा है।
अभी सैंपल सर्वे के नतीजे सामने आए हैं, जिसमें 3.31 प्रतिशत गन्ने का रकबा कम हुआ है। अभी स्थलीय सर्वे 30 जून तक चलेगा, जिसमें अब तक 73 प्रतिशत क्षेत्रफल का सर्वे हो चुका है।
141 सुपरवाइजरों ने 156 गांवों में किया सर्वे
गन्ने का सर्वे सैंपल करने के लिए 141 सुपरवाइजरों को लगाया गया था। इन सुपरवाइजरों ने 156 गांवों से आंकड़े जुटाए हैं। पलिया, ऐरा क्षेत्र में गन्ना पौधा का रकबा घटा है, तो वहीं गोला, पलिया, खंभारखेड़ा, ऐरा, जेबीगंज, गुलरिया, कुंभी क्षेत्र में गन्ना पेड़ी का रकबा कम हुआ है।