Lakhimpur Kheri :रोडवेज बस परिचालकों की मनमानी से यात्री परेशान
लखीमपुर खीरी। परिवहन निगम के प्रबंधक निदेशक के निर्देश के बावजूद गोला, बहराइच, बलरामपुर सहित कई अन्य डिपो की बसें शहर में बस अड्डे तक न आकर बाईपास होकर निकल जाती हैं। ऐसे में बहराइच, गोंडा एवं लखनऊ जाने वाले यात्रियों को दिक्कत होती है। साथ ही इन बसों से लखीमपुर आए मुसाफिरों को बस अड्डे तक आने के लिए अन्य साधनों पर काफी खर्च करना पड़ता है।
गोला डिपो की हो या फिर बहराइच, गोंडा, बलरामपुर समेत अन्य डिपो की बसें। सभी शहर स्थिति बस अड्डे से करीब पांच किलोमीटर पहले से होकर निकल रही हैं। ऐेसे में गोला, फरधान, रजागंज से लखीमपुर आने वाले यात्रियों को गोला डिपो के परिचालक एलआरपी चौराहे पर उतार देते हैं तो वहीं गोंडा, बलरामपुर बहराइच आदि डिपो की बसों के परिचालक मुसाफिरों को तीन किलोमीटर पहले राजापुर में उतार देते हैं। ऐसे में यात्रियों को रिक्शा आदि कर बस अड्डे तक आना पड़ जाता है।
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जिम्मेेदारों की रणनीति नहीं आई काम
परिचालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए कुछ दिन पहले एआरएम लखीमुपर ने सहायक यातायात निरीक्षकों की रोजाना एलआरपी चौराहे पर ड्यूटी लगाई थी, जिससे बाईपास से निकलने वाली बसें बस अड्डे तक आएं। वहीं प्रबंध निदेशक ने बढ़ती शिकायतों का संज्ञान लेकर चेकिंग दस्ते को कार के साथ एलआरपी बाईपास पर मौजूद रहने के निर्देश दिए, जिससे बाईपास होकर निकल रहीं बसें बस अड्डे तक जाएं। मगर, कागजों तक सीमित जिम्मेदारों के निर्देश से यात्रियों को कोई राहत नहीं मिली।
केंद्र प्रभारी को भी बाईपास पर दिया उतार
लखीमपुर डिपो के केंद्र प्रभारी शुक्रवार सुबह लखीमपुर ड्यूटी आने के लिए गोला डिपो की बस संख्या यूपी 31 टी 5799 में सवार हुए। परिचालक बस को बस अड्डे तक न लेकर नहीं आया। बाईपास से ही लखनऊ के लिए मोड़कर केंद्र प्रभारी को एलआरपी चौराहे पर उतार कर चला गया, जिससे वह दूसरी बस में बैठकर बस अड्डा पहुंचे।
क्रॉसिंग बंद रहने से दिक्कत
गोला जंगल रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रैक पैकिंग का काम रोडवेज यात्रियों से और अन्य वाहनों के लिए मुसीबत बन गया। पैकिंग कार्य के लिए बृहस्पतिवार शाम छह बजे से शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक क्रॉसिंग बंद रही। ऐसे में रोडवेज बसों से लेकर अन्य वाहनों का संचालन सिकंद्राबाद होकर हुआ। इस कारण शुक्रवार सुबह लखीमपुर आने वाले यात्रियों को 13 रुपये अधिक किराया देना पड़ा। परिचालकों ने बताया कि गोला से लखीमपुर बस अड्डा 39 किलोमीटर है, जिसका किराया 44 रुपये है। मगर, सिकंद्राबाद होकर लखीमपुर की दूरी करीब 50 किलोमीटर है। इसलिए यात्रियों से 57 रुपये किराया लिया गया। भल्लिया, रजागंज, फरधान होकर बसों का संचालन न होने से मुसाफिरों को दिक्कत उठानी पड़ी।
गोला डिपो के परिचालकों की मनमानी चरम पर हैं। एक तो लखीमपुर बस अड्डे तक बस नहीं ले जाते तो रास्ते में सवारियां को नहीं बैठाते। लखीमपुर बस अड्डे तक आने वाली बसों के लिए गोला में काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है।
- हरेराम शर्मा, दैनिक यात्री
लखीमपुर बस अड्डे तक का किराया लेने के बावजूद परिचालक पांच किलोमीटर पहले एलआरपी चौराहे पर उतार देते हैं। वहां से कार्यस्थल पर आने के लिए रिक्शा आदि पर 20 रुपये और खर्च करने पड़ जाते हैं। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं।
- नरेश कुुमार दैनिक यात्री
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सभी परिचालकों को बस अड्डे तक बसें ले जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी यदि परिचालक मनमानी कर रहे हैं तो उन पर कार्रवाई होगी। केंद्र प्रभारी को बाईपास पर उतारने के बाबत जानकारी नहीं है। यदि परिचालक ने ऐसा किया है तो यह गलत है।
- एके सिंह प्रभारी एआरएम रोडवेज बस अड्डा गोला
गोला डिपो की हो या फिर बहराइच, गोंडा, बलरामपुर समेत अन्य डिपो की बसें। सभी शहर स्थिति बस अड्डे से करीब पांच किलोमीटर पहले से होकर निकल रही हैं। ऐेसे में गोला, फरधान, रजागंज से लखीमपुर आने वाले यात्रियों को गोला डिपो के परिचालक एलआरपी चौराहे पर उतार देते हैं तो वहीं गोंडा, बलरामपुर बहराइच आदि डिपो की बसों के परिचालक मुसाफिरों को तीन किलोमीटर पहले राजापुर में उतार देते हैं। ऐसे में यात्रियों को रिक्शा आदि कर बस अड्डे तक आना पड़ जाता है।
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जिम्मेेदारों की रणनीति नहीं आई काम
परिचालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए कुछ दिन पहले एआरएम लखीमुपर ने सहायक यातायात निरीक्षकों की रोजाना एलआरपी चौराहे पर ड्यूटी लगाई थी, जिससे बाईपास से निकलने वाली बसें बस अड्डे तक आएं। वहीं प्रबंध निदेशक ने बढ़ती शिकायतों का संज्ञान लेकर चेकिंग दस्ते को कार के साथ एलआरपी बाईपास पर मौजूद रहने के निर्देश दिए, जिससे बाईपास होकर निकल रहीं बसें बस अड्डे तक जाएं। मगर, कागजों तक सीमित जिम्मेदारों के निर्देश से यात्रियों को कोई राहत नहीं मिली।
केंद्र प्रभारी को भी बाईपास पर दिया उतार
लखीमपुर डिपो के केंद्र प्रभारी शुक्रवार सुबह लखीमपुर ड्यूटी आने के लिए गोला डिपो की बस संख्या यूपी 31 टी 5799 में सवार हुए। परिचालक बस को बस अड्डे तक न लेकर नहीं आया। बाईपास से ही लखनऊ के लिए मोड़कर केंद्र प्रभारी को एलआरपी चौराहे पर उतार कर चला गया, जिससे वह दूसरी बस में बैठकर बस अड्डा पहुंचे।
क्रॉसिंग बंद रहने से दिक्कत
गोला जंगल रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रैक पैकिंग का काम रोडवेज यात्रियों से और अन्य वाहनों के लिए मुसीबत बन गया। पैकिंग कार्य के लिए बृहस्पतिवार शाम छह बजे से शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक क्रॉसिंग बंद रही। ऐसे में रोडवेज बसों से लेकर अन्य वाहनों का संचालन सिकंद्राबाद होकर हुआ। इस कारण शुक्रवार सुबह लखीमपुर आने वाले यात्रियों को 13 रुपये अधिक किराया देना पड़ा। परिचालकों ने बताया कि गोला से लखीमपुर बस अड्डा 39 किलोमीटर है, जिसका किराया 44 रुपये है। मगर, सिकंद्राबाद होकर लखीमपुर की दूरी करीब 50 किलोमीटर है। इसलिए यात्रियों से 57 रुपये किराया लिया गया। भल्लिया, रजागंज, फरधान होकर बसों का संचालन न होने से मुसाफिरों को दिक्कत उठानी पड़ी।
गोला डिपो के परिचालकों की मनमानी चरम पर हैं। एक तो लखीमपुर बस अड्डे तक बस नहीं ले जाते तो रास्ते में सवारियां को नहीं बैठाते। लखीमपुर बस अड्डे तक आने वाली बसों के लिए गोला में काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है।
- हरेराम शर्मा, दैनिक यात्री
लखीमपुर बस अड्डे तक का किराया लेने के बावजूद परिचालक पांच किलोमीटर पहले एलआरपी चौराहे पर उतार देते हैं। वहां से कार्यस्थल पर आने के लिए रिक्शा आदि पर 20 रुपये और खर्च करने पड़ जाते हैं। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं।
- नरेश कुुमार दैनिक यात्री
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सभी परिचालकों को बस अड्डे तक बसें ले जाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी यदि परिचालक मनमानी कर रहे हैं तो उन पर कार्रवाई होगी। केंद्र प्रभारी को बाईपास पर उतारने के बाबत जानकारी नहीं है। यदि परिचालक ने ऐसा किया है तो यह गलत है।
- एके सिंह प्रभारी एआरएम रोडवेज बस अड्डा गोला