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मामूली कहासुनी पर कर दी थी छात्रा की हत्या

अपने खेतों में नुकसान होने पर छात्रा ने जताया था विरोध

गुमराह करने को कपड़े उतारकर गन्ने के खेत में छिपाया शव शाही। मामूली कहासुनी गांव चकदाह भगवतीपुर में कक्षा छह की छात्रा की हत्या का कारण बन गई थी। इस मामले में गिरफ्तार इसी गांव के वीरेंद्र उर्फ पप्पू, तेजपाल और केशव मौर्य ने पुलिस को बताया कि छात्रा के साथ नोकझोंक के दौरान गुस्से में आए वीरेंद्र ने उस पर बंका चला दिया था। सिर में गहरी चोट लगने से वह बेहोश हुई तो फंसने के डर से उन्होंने उसकी हत्या कर दी और पुलिस को गुमराह करने के लिए शव को अर्द्धनग्न कर गन्ने के खेत में छिपा दिया। तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।


शाही के एक गांव की छात्रा 12 जून की सुबह साइकिल से अपने खेत पर गई थी और फिर लापता हो गई। परिवार वाले उसे ढूंढने निकले तो शाम करीब पांच बजे चकदहा-पीपलसाना चकरोड के पास गोधन के गन्ने के खेत में उसका अर्द्धनग्न शव बरामद हुआ, हालांकि पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। मंगलवार रात इस मामले में पुलिस ने वीरेंद्र उर्फ पप्पू, तेजपाल और केशव मौर्य को गिरफ्तार किया था। हत्या का जुर्म कबूल करने के बाद तीनों को बुधवार को जेल भेज दिया गया।


वीरेंद्र ने बताया कि उसका खेत छात्रा के खेत से सटा हुआ है जिसमें पौपलर के पेड़ लगे हैं। 12 जून को वह तेजपाल और केशव के साथ पेड़ों की टहनियां छांट रहा था। इसी बीच वहां पहुंची छात्रा ने उसे चेतावनी दी कि उसके खेत में कोई नुकसान न हो। नोकझोंक के बाद गुस्साए वीरेंद्र ने छात्रा के सिर में बंका मार दिया। चोट लगने से वह बेहोश होकर गिर गई। वीरेंद्र के मुताबिक उसे उम्मीद नहीं थी कि छात्रा को गहरी चोट लग जाएगी। फंसने के डर से उसने अपने साथियों के साथ बंके से कई और वार कर उसकी हत्या कर दी।


वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि हत्या करने के बाद उन्होंने शव के साथ छात्रा की साइकिल को गोधन के खेत में छिपा दिया। उसके कपड़े भी उतार दिए ताकि दुष्कर्म के बाद हत्या का शक हो। इसके बाद वह छात्रा को ढूंढने में भी उसके परिवार की मदद करता रहा ताकि उस पर किसी को शक न हो।

पांच बार हिरासत में लेने के बाद उगली सच्चाई

मामले का खुलासा करने वाले भुता थाना प्रभारी अश्वनी कुमार ने बताया कि घटना वाले दिन दो लोगों ने छात्रा को खेत की ओर जाते हुए देखा था लेकिन वह वापस नहीं लौटी। इसी आधार पर उन्होंने घटनास्थल से दो सौ मीटर के दायरे में सभी खेत मालिकों से पूछताछ शुरू की। यह भी छानबीन की कि घटना वाले दिन वे किस औजार से काम कर रहे थे। इसी छानबीन से वीरेंद्र पर शक हुआ तो उसे पांच बार हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। हर बार उसके बयानों में विरोधाभास पाया गया। यह भी पता चला कि वीरेंद्र ही उस दिन बंके से पेड़ों की छंटाई कर रहा था। इसके बाद सख्ती करने पर उसने पूरी सच्चाई उगल दी।