164 निजी स्कूलों में आरटीई के 1879 सीटें, पिछले साल खाली रह गई थीं कई सीटें
कांकेर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शिक्षा के अधिकार के तहत निजी विद्यालयों में अध्ययन के इच्छुक व जरूरतमंद बच्चों के लिए प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। जिले के निजी स्कूलों में आरटीई की तहत आरक्षित सीटें हैं, जिनमें बच्चों को प्रवेश दिया जाना है। पिछले वर्ष जिले में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में आरक्षित सीटें बड़ी संख्या में खाली रह गईं थी। जिले में 164 निजी स्कूल हैं और इन स्कूलों की 1879 सीटों को आरटीई के तहत आरक्षित हैं। जिनमें पात्र बच्चों को प्रवेश दिया जाना है। आरटीई के तहत प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया अप्रैल माह में शुरू हो गई थी, जिसके बाद प्रवेश प्रक्रिया जारी है। आवेदन प्राप्त होने के बाद आवेदन पत्रों की जांच होती है। पात्र हितग्राहियों के आवेदन आरक्षित सीटों के अनुपात में कम होने पर सीधे प्रवेश दिया जाता है और आवेदकों की संख्या अधिक होने पर लाटरी के माध्यम से सीटों का आबंटन कर प्रवेश दिया जाता है। पिछले वर्ष भी जिले में आरटीई के तहत 1879 सीटें थी। जिनमें से 975 सीटों पर ही छात्रों को प्रवेश मिला था। जिससे आारटीई को लेकर क्षेत्र के लोगों में जागरूकता अभाव नजर आता है। आरटीई के तहत आरक्षित सीटों के खाली रहने के संबंध में पूछे जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडे ने बताया कि आरटीई के तहत जिन लोगों ने आवेदन किया था, उन्हें स्कूलों में प्रवेश दिया गया था। वर्तमान में भी आरटीई के तहत निजी स्कूलों में छात्रों के प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है। इच्छुक व पात्र आवेदक इसके लिए आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
जागरूकता का अभाव
सरकार द्वारा जरूरतमंद बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आरटीई के तहत निजी स्कूलों में पात्र बच्चों के प्रवेश की व्यवस्था की है। लेकिन लोगों में इसे लेकर जागरूकता का अभाव है। इसके उचित प्रचार प्रसार के अभाव में लोगों तक इसकी जानकारी न होना और उचित आवेदन प्रक्रिया की जानकारी का न होना भी कई बार उन्हें इस अधिकार से वंचित कर देता है।