Lakhimpur Kheri :खेतों में बाघ दिखने से ग्रामीण दहशत में
ममरी (लखीमपुर खीरी)। घमहाघाट और सुंदरपुर गांव के बीच खेतों में बाघ की चहलकदमी से ग्रामीणों और राहगीरों में दहशत फैल गई है।सुंदरपुर के रामकुमार वर्मा, घमहाघाट फार्म के लाल सिंह, कश्मीर सिंह, जगदीश सिंह आदि का कहना है कि खेतों में खड़ा गन्ना कट जाने के बाद बाघ जंगल में चले गए थे, अब खेतों में गन्ने की फसल फिर बड़ी हो गई है। बताया कि एक बाघ कई दिनों से रात में कभी मार्ग पर तो कभी खेतों में घूमता देखा जा रहा है, जिससे ग्रामीणों में दहशत है। पुवायां रोड पर वाहनों का आवागमन शाम होते ही बंद हो जाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस वक्त खेतों में गन्ने की सिंचाई, गुड़ाई का काम चल रहा है। बाघ के डर से लोग खेतों की ओर जाने से घबरा रहे हैं। रेंजर मोबीन आरिफ का कहना है कि यह एरिया बाघ प्रभावित घोषित है। पुवायां रोड जंगल से गुजरी है, रात में बाघ, तेंदुए शिकार की तलाश में घूमते रहते हैं, ऐसे में सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।
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बीमारी और भूख से हुई थी तेंदुए की मौत
दुधवा नेशनल पार्क के बफर जोन की पलिया रेंज में मिला था शव, पोस्टमार्टम में खुलासा
संवाद न्यूज एजेंसी
पलियाकलां (लखीमपुर खीरी)। दुधवा नेशनल पार्क के बफर जोन की पलिया रेंज के परसपुर बीट में मिले तेंदुए के शव का रविवार को पोस्टमार्टम हुआ। जिसमें खुलासा हुआ है कि तेंदुआ बीमार था और उसकी मौत भूख से हुए। बिसरा अब जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा गया है।
रविवार को दुधवा टाइगर रिजर्व की बफर जोन की पलिया रेंज के परसपुर बीट में पार्क क्षेत्र से डेढ़ किलोमीटर दूर गोविंद तिवारी के गन्ने के खेत में तेंदुए का शव मिला था। तेंदुए की उम्र चार से पांच वर्ष बताई गई थी। देर शाम पशु चिकित्साधिकारी पीलीभीत डॉ. सौरभ सिंघई, पशु चिकित्साधिकारी सूंड़ा डॉ. बीआर निगम, पशु चिकित्साधिकारी संपूर्णानगर डॉ अरविंद शर्मा आदि चिकित्सकों के पैनल ने पहले तेंदुए का एंटीजन टेस्ट किया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। बाद में पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें मौत का कारण भूखा रहना बताया गया। एफडी संजय पाठक ने बताया कि तेंदुए की मौत बीमारी और भूख से हुई है। अधिकारियों, कर्मचारियों व स्थानीय लोगों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। संवाद
ग्रामीणों का कहना है कि इस वक्त खेतों में गन्ने की सिंचाई, गुड़ाई का काम चल रहा है। बाघ के डर से लोग खेतों की ओर जाने से घबरा रहे हैं। रेंजर मोबीन आरिफ का कहना है कि यह एरिया बाघ प्रभावित घोषित है। पुवायां रोड जंगल से गुजरी है, रात में बाघ, तेंदुए शिकार की तलाश में घूमते रहते हैं, ऐसे में सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।
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बीमारी और भूख से हुई थी तेंदुए की मौत
दुधवा नेशनल पार्क के बफर जोन की पलिया रेंज में मिला था शव, पोस्टमार्टम में खुलासा
संवाद न्यूज एजेंसी
पलियाकलां (लखीमपुर खीरी)। दुधवा नेशनल पार्क के बफर जोन की पलिया रेंज के परसपुर बीट में मिले तेंदुए के शव का रविवार को पोस्टमार्टम हुआ। जिसमें खुलासा हुआ है कि तेंदुआ बीमार था और उसकी मौत भूख से हुए। बिसरा अब जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा गया है।
रविवार को दुधवा टाइगर रिजर्व की बफर जोन की पलिया रेंज के परसपुर बीट में पार्क क्षेत्र से डेढ़ किलोमीटर दूर गोविंद तिवारी के गन्ने के खेत में तेंदुए का शव मिला था। तेंदुए की उम्र चार से पांच वर्ष बताई गई थी। देर शाम पशु चिकित्साधिकारी पीलीभीत डॉ. सौरभ सिंघई, पशु चिकित्साधिकारी सूंड़ा डॉ. बीआर निगम, पशु चिकित्साधिकारी संपूर्णानगर डॉ अरविंद शर्मा आदि चिकित्सकों के पैनल ने पहले तेंदुए का एंटीजन टेस्ट किया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। बाद में पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें मौत का कारण भूखा रहना बताया गया। एफडी संजय पाठक ने बताया कि तेंदुए की मौत बीमारी और भूख से हुई है। अधिकारियों, कर्मचारियों व स्थानीय लोगों की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। संवाद