Lakhimpur Kheri : ग्राम पंचायतों में बढ़ाई जाएंगी 1835 निगरानी समितियां
समितियों ने 37004 लोगों का एंटीजन टेस्ट कराया, 8410 पॉजिटिव मिले |
लखीमपुर खीरी। कोरोना को मात देने के लिए ग्राम पंचायतों में निगरानी समितियों की संख्या 1165 से बढ़ाकर 3000 की जाएगी, जिससे डोर-टू-डोर सर्वे में तेजी आएगी। एक अप्रैल 2021 से अब तक 1165 निगरानी समितियों ने 37004 लोगों का एंटीजन टेस्ट कराया है, जिसमें 8410 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं 8396 व्यक्ति लक्षण युक्त चिन्हित किए गए हैं, जिनमें जुकाम-बुखार, खांसी आदि के लक्षण थे।
जनपद की कुल 1165 ग्राम पंचायतों में करीब चार हजार मजरे गांव भी शामिल हैं, जबकि जिला प्रशासन ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक-एक निगरानी समिति गठित की थी। इससे अब तक 50 प्रतिशत मजरों तक भी सर्वे टीम नहीं पहुंच पाई हैं। सर्वे टीम में आशा, आंगनबाड़ी वर्कर, लेखपाल, कोटेदार, शिक्षामित्र और सफाईकर्मियों को शामिल किया गया है, लेकिन इनमें से आशा व आंगनबाड़ी वर्कर को छोड़कर अन्य कर्मचारी सहयोग नहीं कर रहे हैं।
सूूत्र बताते हैं कि लेखपाल, कोटेदार, शिक्षामित्र व सफाईकर्मी सर्वे कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं, जिससे गांवों में सर्वे की प्रगति काफी धीमी है, जबकि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार का निगरानी समितियों पर सबसे ज्यादा फोकस है। कई बड़ी ग्राम पंचायतों में दस से अधिक मजरे शामिल हैं, जिनमें कई टीमें लगाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने निगरानी समितियों की संख्या 1165 से बढ़ाकर 3000 करने के आदेश दिए हैं। उम्मीद है कि सर्वे कार्य में अपेक्षित तेजी लाई जा सकेगी। निगरानी समितियां मजरेवार सर्वे करेंगी। गांवों में बाहर से आए 1035 प्रवासियों की स्क्रीनिंग कराई गई है। डीपीआरओ सौम्य शील सिंह ने बताया कि जनपद में करीब 3000 आशा व इतनी ही आंगनबाड़ी वर्कर हैं, जिससे सभी को निगरानी समिति में लगाया गया है। निगरानी समितियों की संख्या बढ़ाए जाने से मजरेवार सर्वे कार्य आसान हो सकेगा, जिससे कोरोना के नियंत्रण में प्रभावी मदद मिलेगी।
अब भी वैक्सीन लगवाने से डर रहे ग्रामीण
लखीमपुर खीरी। ग्रामीणों में अब भी वैक्सीन लगवाने को लेकर डर बना हुआ है, यही कारण है कि गांवों में 45 वर्ष से ऊपर वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या काफी कम है। डायबिटीज, हृदय की बीमारी, सांस आदि बीमारियों से पीड़ितों को वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर डर सता रहा है। इससे गांवों में वैक्सीन लगवाने वाले ग्रामीणों की संख्या काफी कम बनी हुई है। निगरानी समितियों के सर्वे में यह बात सामने आई है।
सर्वे टीम को ग्रामीणों ने वैक्सीन लगवाने से बुखार आने और तबीयत खराब होने की बात कही है, तो कुछ ने अन्य गंभीर बीमारियों की वजह से वैक्सीन न लगवाने की बात कही है, जबकि चिकित्सकों के मुताबिक, डायबिटीज व हृदयरोगियों को जरूर वैक्सीन लगवानी चाहिए।
सदर ब्लॉक की ग्राम पंचायत आधाचाट में 45 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के 130 लोग हैं, जिनमें से सिर्फ एक व्यक्ति ने ही पहला डोज लगवाया है। इस पर प्रशासन ने शनिवार को गांव में कैंप लगाकर लोगों का वैक्सीनेशन करवाया है। ऐसा ही हाल अन्य ग्राम पंचायतों का है, जहां लोगों में वैक्सीन लगवाने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
डीपीआरओ सौम्यशील सिंह ने बताया कि निगरानी समितियों को वैक्सीनेशन का भी दायित्व सौंपा गया है। अब टीमें गांवों में लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करेंगी।