Computer Ganral Informaction All In One. कंप्यूटर सामान्य सभी जानकारी |
कंप्यूटर क्या है
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो सूचनाओं को संग्रहीत करने और उसे क्रियान्वित करने के लिए उपयोग किया जाता है। Computer शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी शब्द “COMPUTE” से हुई है। जिसका अर्थ “गणना करना” होता है। कंप्यूटर गणना करता है, इसलिये इसे हिंदी में 'संगणक' कहते है। Computer शब्द अंग्रेजी के आठ अक्षरों से बना हैं। जो इसके अर्थ को और व्यापक बनाते हैं।
कंप्यूटर का फूल फ़ॉर्म क्या हैं।
C - Commonly
O - Operated
M - Machine
P - Particularly
U - Used
T - Technical
E - Educational
R - Research
Commonly Operated Machine Particularly Used in Technical and Educational Research
शुरुआत में, कंप्यूटर का उपयोग सीमित था, लेकिन जैसे जैसे इसमें सुधार होता गया वैसे वैसे कंप्यूटर के विस्तार में वृद्धि हुई। और आज कंप्यूटर हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
कंप्यूटर की सहायता से हम विभिन्न कार्य कर सकते हैं। कंप्यूटर का उपयोग कई कार्यों के लिए किया जाता है । जैसे विभिन्न दस्तावेज़ बनाना, गणना करना, मनोरंजन इत्यादि कार्यों में किया जाता है।
कंप्यूटर का उपयोग
हालांकि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, लेकीन दैनिक जीवन में इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है । किसी कंप्यूटर की सहायता से, हम विभिन्न कार्यों को घरबैठे कर सकते हैं । और अपना समय और पैसा दोनों बचा सकते हैं।
1. जानकारी खोजना :- कंप्यूटर की सहायता से, आप इच्छित विषय पर जानकारी खोज सकते हैं । इंटरनेट की सहायता से, हम विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी पा सकते हैं, और किसी भी विषय के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
2. ऑफिस के कार्य :- जॉब करने वाले व्यक्ति कंप्यूटर की मदद से विभिन्न प्रकार के काम कर सकते है । जैसे एम. एस. वर्ड में विभिन्न दस्तावेज़ बनाना, एम. एस. एक्सेल में विभिन्न गणितीय कार्य करना, एम. एस. पावरपॉइंट में प्रेझेंटेशन बनाना ।
3. बँक के कार्य :- कंप्यूटर की मदद से हम बैंक के विभिन्न कार्य कर सकते हैं । जैसे कि बॅलेन्स चेक करना, दूसरे व्यक्ति के खाते में पैसे ट्रान्स्फर करना, ऑनलाइन भुगतान के लिए डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि का उपयोग करना ।
4. ऑनलाइन रिझर्वेशन :- यदि आप कहीं यात्रा करना चाहते हैं, तो आप कंप्यूटर की सहायता से बस, ट्रेन, विमान का ऑनलाइन आरक्षण कर सकते हैं।
5. ऑनलाइन शॉपिंग :- विभिन्न वस्तुओं की खरीद के लिए आजकल ऑनलाइन शॉपिंग बहुत लोकप्रिय है। कंप्यूटर की सहायता से, हम विभिन्न चीज़ों के लिए ऑनलाइन खरीदारी कर सकते हैं।
6. बिजली का बील भरना :- कंप्यूटर की मदद से आप अपना बिजली बिल ऑनलाइन भर सकते हैं।
7. दोस्तों के साथ चैट करना :- आप अपने दोस्तों के साथ बातचीत करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग कर सकते हैं। कंप्यूटर की सहायता से, हम किसी मित्र को ई-मेल संदेश भेज सकते हैं। या आप वीडियो कॉल के जरिए आमने-सामने बातचीत कर सकते हैं।
कंप्युटर से होने वाले नुकसान
कंप्यूटर के जैसे कुछ फायदे हैं, वैसे ही कुछ नुकसान भी हैं।
- बच्चे पूरे दिन कंप्यूटर पर गेम्स खेलते रहते हैं। जिसका उनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। हमेशा कंप्यूटर के सामने बैठे रहने से आँखों को नुकसान हो सकता हें, पीठ दर्द की शिकायत हो सकती है
- इंटरनेट पर कई बुरी चीजें भी हैं, जिसका आप पर बुरा प्रभाव पड सकता हैं।
- कंप्यूटर पर ऑनलाइन काम करते समय आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो सकती है। जो आपको वित्तीय नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, उचित सावधानी बरतना आवश्यक है।
कंप्यूटर का उपयोग करते वक्त याद रखें
यदि आप कंप्यूटर का उपयोग करते समय उपयुक्त सावधानी बरतते हैं, तो आप कंप्यूटर द्वारा होने वाले संभावित नुकसान से बच सकते हैं।- बच्चों को लंबे समय तक कंप्यूटर का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसके अलावा उनके उपयोग पर नजर रखें। अन्यथा वे गलत रास्ते पर जा सकते है।
- कंप्यूटर का उपयोग करते वक्त बहुत करीब न बैठे। मॉनिटर और आपके बीच सही दूरी होनी चाहिए। अन्यथा आँखों पर बुरा प्रभाव पड सकता है।
- इंटरनेट का उपयोग करते समय अपरिचित वेबसाइटों से दूर रहें। ऑनलाइन कार्य करते समय कहीं भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
- ऑनलाइन व्यवहार करने के लिए अपने व्यक्तिगत कंप्यूटर का उपयोग करें। ऑनलाइन भुगतान आदि जैसे कार्य सार्वजनिक जगहो से न करें। अन्यथा आपकी जानकारी चोरी की जा सकती है। और आपको वित्तीय नुकसान हो सकता हैं।
यदि आप यह कुछ महत्वपूर्ण सावधानी बरतते हैं, तो आप कंप्यूटर से होनेवाले संभावित नुकसान से दूर रह सकते हैं।
कंप्युटर के प्रकार
मायक्रो कंप्युटर:- मायक्रो कंप्यूटर को पर्सनल कंप्युटर के रूप में भी जाना जाता है। हम इसे अपने निजी काम के लिए उपयोग करते हैं। पर्सनल कंप्युटर सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला कंप्यूटर का प्रकार है।
पर्सनल कंप्युटर के प्रकार निम्नलिखित हैं:
डेस्कटॉप, लॅपटॉप, टॅब्लेट, स्मार्टफोन्स आदि.
मिनी कंप्युटर:- मिनी कंप्यूटर मेनफ्रेम कंप्यूटर से छोटे होते हैं, लेकिन माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में बडे होते है। इसके अलावा, वे एक माइक्रो कंप्यूटर से अधिक गतिशील और अधिक शक्तिशाली होते हैं। इनका इस्तेमाल बड़ी कंपनियों और सरकारी कार्यालयों में किया जाता है।
मेनफ्रेम कंप्युटर:- मेनफ्रेम कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर इतना शक्तिशाली और ताकदवान नहीं है, लेकीन इसकी सूचनाओं को संग्रहित और संसाधित करने की क्षमता बड़ी है। मेनफ्रेम कंप्यूटर एक ही समय में कई उपयोगकर्ताओं की जानकारी को प्रक्रिया करने के लिए सक्षम हैं।
उदा. बीमा कंपनियां इसका इस्तेमाल उपभोक्ताओं की जानकारी को संग्रहीत करने के लिए इस्तेमाल किया करती है।
सुपर कंप्युटर:-सुपरकंप्यूटर सबसे शक्तिशाली और बडें प्रकार का कंप्यूटर हैं। यह मौसम पूर्वानुमान के लिए प्रयोग किया जाता है। इस कंप्यूटर का उपयोग बडी-बडी संस्थाओं में किया जाता है।
उदा. नासा अंतरिक्ष संशोधन के लिए इसका उपयोग करता है।
कंप्युटर की पीढ़ियाँ-
पहली पीढ़ी (First Generation) :- पहली पीढ़ी (First Generation) 1940 से 1956 का अवधि कंप्यूटर की पहली पीढ़ी के रूप में जाना जाता हैं। कंप्यूटर की पहली पीढ़ी में व्हॅक्युम ट्यूब्स की सहायता से इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स नियंत्रित तथा प्रसारित किए जाते थे। इनका उपयोग गणना करने के लिए किया जाता था। यह कंप्यूटर आकार में बड़े और भारीभरकम होते थे। यह कंप्यूटर बहुत ज्यादा गर्मी उत्पन्न करते थे। इस वजह से इन्हे एअर कंडीशनर (एसी ) की आवश्यकता पड़ती थी।
दुसरी पीढ़ी (Second Generation) :- दुसरी पीढ़ी (Second Generation) 1956 से 1963 का अवधि कंप्यूटर की दुसरी पीढ़ी के रूप में जाना जाता हैं। इस पीढ़ी के कम्प्यूटर्स में व्हॅक्युम ट्यूब्स की जगह ट्रांज़िस्टर्स का उपयोग किया जाने लगा। यह कंप्यूटर्स पहली पीढ़ी के कंप्यूटर्स की तुलना में आकार में छोटे थे। तथा कम गर्मी उत्पन्न करते थे। साथ ही पहली पीढ़ी की तुलना में अधिक तेज गति से गणना करने में सक्षम थे।
तीसरी पीढ़ी (Third Generation) :- तीसरी पीढ़ी (Third Generation) 1963 से 1971 का अवधि कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी के रूप में जाना जाता हैं। इस पीढ़ी में कम्प्यूटर्स में ट्रांज़िस्टर्स की जगह सिलिकॉन चिप्स का इस्तेमाल किया जाने लगा। सिलिकॉन चिप्स में Integrated Circuits (ICs) का इस्तेमाल किया गया। जिससे कंप्यूटर्स का आकार और छोटा करना संभव हुआ। कंप्यूटर्स में इंटीग्रेटेड सर्किट के इस्तेमाल से इन कंप्यूटर्स की गति और ज्यादा बढ़ने में मदद हुई।
चौथी पीढ़ी (Fourth Generation) :- चौथी पीढ़ी (Fourth Generation) 1971 से 1980 - 85 का अवधि कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी के रूप में जाना जाता हैं। चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर्स में माइक्रोप्रोसेसर्स का इस्तेमाल किया जाने लगा। माइक्रोप्रोसेसर्स चिप्स का निर्माण इसी जनरेशन में किया गया। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में Very Large Scale Integrated (VLSI) सर्किट का इस्तेमाल किया गया। जिससे एक ही चिप्स में हजारों ट्रांज़िस्टर्स लगाए जा सकते थे। चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर अधिक शक्तिशाली, कॉम्पैक्ट, विश्वसनीय और सस्ते थे। इसके परिणाम स्वरूप, इस पीढ़ी में पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) क्रांति का जन्म हुआ।
पाँचवी पीढ़ी (Fifth Generation) :- पाँचवी पीढ़ी (Fifth Generation) 1980 से अबतक का अवधि कंप्यूटर की पाँचवी पीढ़ी के रूप में जाना जाता हैं। इस पीढ़ी में ULSI (Ultra Large Scale Integration) टेक्नोलॉजी का उपयोग होने लगा। जिसके परिणामस्वरूप माइक्रोप्रोसेसर चिप्स में लाखों इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स होते हैं। यह पीढ़ी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) पर आधारित हैं। जिसमें कंप्यूटर्स को मनुष्य की तरह सोचने के लिए बनाया जा सके। इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर्स इस प्रकार हैं। डेस्कटॉप, लैपटॉप, नोटबुक, Ultrabook, Chromebook.
कंप्यूटर खरीदते समय याद रखें
नया कंप्यूटर खरीदते समय, आपको कुछ बातें याद रखनी चाहिए। जब आप एक नया डेस्कटॉप कंप्यूटर लेते हैं, तो आपको मुख्यत: मॉनिटर, कीबोर्ड और माउस उपकरण लेने होते हैं। आपकी ज़रूरतों के अनुसार आप प्रिंटर, स्कैनर आदि उपकरण भी खरीद सकते है।
नया कंप्यूटर लेते वक्त आपको यह समझना महत्वपूर्ण है, कि आप उसका उपयोग किसी कार्य के लिये करने वाले हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपको आपके कम्प्यूटर पर केवल वर्ड, एक्सेल, पावर पॉइंट, इंटरनेट इत्यादि अप्लिकेशन्स का उपयोग आदि जैसे कार्य करना है। तो आपको कंप्यूटर खरीदने के लिए बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने की जरुरत नहीं है। आप कम पैसो में एक अच्छा कंप्यूटर ले सकते है। लेकिन अगर आप को अपने कंप्यूटर पर फोटो एडिटिंग करना, वीडियो एडिटिंग करना, बड़ी-बड़ी कंप्यूटर गेम्स खेलना इ. जैसे कार्य करना चाहते हैं, तो इसके लिए आप को अच्छे कॉन्फ़िगरेशन वाले कंप्यूटर की जरुरत पडेगी।
कंप्यूटर की रैम 4 जीबी या अधिक होनी चाहिए। इससे, कंप्यूटर में कोई भी एप्लिकेशन अच्छी तरह से चलने में मदद होती है। साथ ही, हार्ड डिस्क को कम से कम 1 TB या अधिक होना चाहिए। इससे आप कंप्यूटर में अधिकतम डेटा स्टोर कर सकते हैं। नया कंप्यूटर खरीदते समय यह याद रखें की प्रोसेसर नवीनतम होना चाहिए। कंप्यूटर में वीडियो संपादन के लिए ग्राफिक कार्ड, साउंड कार्ड होना चाहिए।
अगर आप एक नया लैपटॉप खरीदना चाहते हैं, तो भी आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा।
संक्षेप में, जब आप कोई नया कंप्यूटर या लैपटॉप लेते हैं, तो निम्नलिखित बातों को याद रखना आवश्यक है।
1) रॅम (RAM) - 4 जीबी या अधिक
2) हार्ड डिस्क - 1 TB या अधिक
3) प्रोसेसर (CPU) - लेटेस्ट प्रोसेसर उदा. i5, i7, i9 आदि.
डेस्कटॉप कंप्यूटर या लॅपटॉप? क्या ख़रीदे?
नया कंप्यूटर ख़रीदते समय डेस्कटॉप ख़रीदे या लैपटॉप यह प्रश्न हमारे सामने होता हैं।
हमे डेस्कटॉप और लैपटॉप में क्या अंतर होता हैं। यह पता होना चाहिए। जिससे की हम अपनी आवश्यकता अनुसार डेस्कटॉप या लैपटॉप ख़रीद सके।
डेस्कटॉप कंप्यूटर:-डेस्कटॉप कंप्यूटर आप अपनी आवश्यकता अनुसार असेम्बल करवा सकते हैं। साथ ही वह लैपटॉप की तुलना में बेहतर परफॉर्मेन्स देते हैं। डेस्कटॉप कंप्यूटर पोर्टेबल नहीं होते हैं। यानि आप उन्हें एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जा सकते। डेस्कटॉप कंप्यूटर में किसी उपकरण जैसे कीबोर्ड, माउस, रैम, हार्ड डिस्क, इ. के ख़राब होने पर उसे लैपटॉप की तुलना में आसानी से बदला जा सकता हैं। अगर आपको फ़ोटो एडिटिंग, व्हिडिओ एडिटिंग इ. करना चाहते हैं। तो डेस्कटॉप लैपटॉप की तुलना में बेहतर विकल्प होगा।
लैपटॉप:- लैपटॉप पोर्टेबल होते हैं। यानि इन्हें एक जगह से दूसरे जगह ले जाया सकता हैं। लैपटॉप में बैटरी होने की वजह से आप उन्हें ज्यादा देर तक उपयोग में ले सकते हैं। जबकि बिजली कटने पर डेस्कटॉप कंप्यूटर उपयोग नहीं किया जा सकता। लैपटॉप के किसी भाग जैसे की, कीबोर्ड, टचपैड़ इ. के ख़राब होने पर उसे दुरुस्त करने के लिए पुरे लैपटॉप को सर्व्हिस सेंटर में देना पड़ता हैं। जबकि डेस्कटॉप कंप्यूटर में कीबोर्ड, माउस इ. के ख़राब होने पर उसे आसानी से बदलकर उपयोग में लिया जा सकता हैं। लैपटॉप पर ज्यादा देर काम करने से या गेम्स इ. खेलने पर वह डेस्कटॉप की तुलना में जल्दी गर्म हो सकते हैं।