Lakhimpur Kheri : बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे अस्पताल को किया सील
निघासन (लखीमपुर खीरी)। बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे सिंगाही रोड स्थित मां हेल्थकेयर सेंटर को एसडीएम ओपी गुप्ता ने सोमवार को सील कर दिया। रविवार को अमर उजाला ने ‘प्रसूता और नवजात की मौत, परिवार ने काटा हंगामा’ शीर्षक से खबर प्रमुखता से छापी थी, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की।
एसडीएम ओपी गुप्ता ने बताया कि उन्हें बिना रजिस्ट्रेेशन अस्पताल चलने की सूचना मिली थी। जब टीम पहुंची उस समय अस्पताल में सिर्फ एक कर्मचारी मिला। जिसने बताया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कागज सीएमओ कार्यालय में जमा किए गए हैं, लेकिन वह अभी मिल नहीं पाए है। अस्पताल के अंदर तीन बेड, बीपी चेक करने की मशीन, प्रसव करने का सारा सामान मिला। एसडीएम ने बताया वहां मौजूद एक किशोरी ने बताया कि वह इंटर में पढ़ती है और इसी अस्पताल में काम करती है। टीम को देखकर अस्पताल में काम करने वाले अन्य कर्मचारी वहां से चले गए।
उन्होंने सभी कमरों का निरीक्षण करने के बाद अंदर के कमरे को सील कर दिया। डॉक्टर अनिल वर्मा ने बताया कि अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गई थी। प्रसूता की हालत खराब होने पर लखीमपुर में उसकी भी मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि बिना रजिस्ट्रेेशन कई अस्पताल चल रहे हैं। उनके खिलाफ भी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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पहले भी सील हुए दो अस्पताल
लखीमपुर खीरी। जिले में दिन पर दिन अस्पताल खुल रहे हैं, जिनमें अधिकतर का पंजीकरण तक नहीं है। जिला मुख्यालय से लेकर नगर और कस्बों में खुल रहे अवैध अस्पताल ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए न तो स्वास्थ्य महकमा कुछ कर रहा है और न ही स्थानीय प्रशासन। कभी कभार हादसा होने की स्थिति जिम्मेदारों की कार्रवाई सील करने तक सीमित रहती है। मगर, एक दो माह बाद फिर से उनका संचालन शुरू हो जाता है। पिछले दिनों जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में एक मरीज की मौत हुई तो वहीं मोहम्मदी के दो अस्पतालों में दो मरीजों की जान चली गई। हालांकि मोहम्मदी तहसील प्रशासन ने दोनों अस्पताल सील कर दिए। मगर, जिला मुख्यालय के अस्पताल पर कार्रवाई ठंडे बस्ते में चले गई।
एसडीएम ओपी गुप्ता ने बताया कि उन्हें बिना रजिस्ट्रेेशन अस्पताल चलने की सूचना मिली थी। जब टीम पहुंची उस समय अस्पताल में सिर्फ एक कर्मचारी मिला। जिसने बताया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कागज सीएमओ कार्यालय में जमा किए गए हैं, लेकिन वह अभी मिल नहीं पाए है। अस्पताल के अंदर तीन बेड, बीपी चेक करने की मशीन, प्रसव करने का सारा सामान मिला। एसडीएम ने बताया वहां मौजूद एक किशोरी ने बताया कि वह इंटर में पढ़ती है और इसी अस्पताल में काम करती है। टीम को देखकर अस्पताल में काम करने वाले अन्य कर्मचारी वहां से चले गए।
उन्होंने सभी कमरों का निरीक्षण करने के बाद अंदर के कमरे को सील कर दिया। डॉक्टर अनिल वर्मा ने बताया कि अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गई थी। प्रसूता की हालत खराब होने पर लखीमपुर में उसकी भी मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि बिना रजिस्ट्रेेशन कई अस्पताल चल रहे हैं। उनके खिलाफ भी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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पहले भी सील हुए दो अस्पताल
लखीमपुर खीरी। जिले में दिन पर दिन अस्पताल खुल रहे हैं, जिनमें अधिकतर का पंजीकरण तक नहीं है। जिला मुख्यालय से लेकर नगर और कस्बों में खुल रहे अवैध अस्पताल ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। इन पर अंकुश लगाने के लिए न तो स्वास्थ्य महकमा कुछ कर रहा है और न ही स्थानीय प्रशासन। कभी कभार हादसा होने की स्थिति जिम्मेदारों की कार्रवाई सील करने तक सीमित रहती है। मगर, एक दो माह बाद फिर से उनका संचालन शुरू हो जाता है। पिछले दिनों जिला मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल में एक मरीज की मौत हुई तो वहीं मोहम्मदी के दो अस्पतालों में दो मरीजों की जान चली गई। हालांकि मोहम्मदी तहसील प्रशासन ने दोनों अस्पताल सील कर दिए। मगर, जिला मुख्यालय के अस्पताल पर कार्रवाई ठंडे बस्ते में चले गई।