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नौकरी बदलने पर नहीं होगा ग्रेच्युटी का नुकसान, पीएफ की तरह करा सकेंगे ट्रांसफर

प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों को अब जॉब चेंज करने पर अब पैसों का नुकसान नहीं होगा. वे पीएफ की तरह ग्रेच्युटी अमाउंट भी ट्रांसफर करा सकते हैं. इसके लिए सरकार जल्द ही ग्रेच्युटी पोर्टेबिलिटी (gratuity portability) की सुविधा लागू करने जा रही है. इसके तहत ग्रेच्युटी को सीटीसी का हिस्सा बनाया जा सकता है.

सीएनबीसी की एक रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रम मंत्रालय यूनियन और इंडस्ट्री की इस सिलसिले में मीटिंग भी हुई है. जिसमें ग्रेच्युटी को सीटीसी का हिस्सा बनाने के प्रस्ताव पर बातचीत की गई है. नए नियम को समाजिक सुरक्षा अधिनियम के तहत शामिल किए जाने की संभावना है. इस फैसले पर जल्द ही सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किए जा सकते हैं.


ग्रेच्युटी एक्ट में होगा संशोधन

अभी तक कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के तहत किया जाता है. यह रकम उन कर्मचारियों को दिया जाता है जिसने कंपनी में पांच साल या उससे अधिक समय तक अपनी सेवाएं दी हो. हालांकि कोरोना काल के दौरान श्रम मामलों की संसदीय समिति (Parliamentary Standing Committee) ने अपनी रिपोर्ट में इस अवधि को 5 से एक साल किए जाने की सिफारिश की थी. जिसके चलते जॉब चेंज करने पर कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ मिल सके. माना जा रहा है कि जल्द ही इस सिलसिले में नई नीतियां बनाई जाएंगी.

ग्रेच्युटी ट्रांसफर का मिलेगा विकल्प

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार, यूनियन और इंडस्ट्री के बीच स्ट्रक्चर में बदलाव करने वाली है. ऐसे में निजी सेक्टर के कर्मचारियों को पीएफ की तरह ग्रेच्युटी ट्रांसफर करने का विकल्प मिलेगा. प्रस्ताव में काम के दिनों को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा था. जिसके तहत 15 से 30 दिनों की बात कही जा रही थी. हालांकि इंडस्ट्री ने इस पर सहमति नहीं जताई है.