छत्तीसगढ़: दादा की गोद में बैठ कर डेढ़ साल के बेटे ने शहीद पिता की चिता को दी आग
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद के मोहदा गांव का नजारा सोमवार को बिल्कुल अलग था. गांव के चारों ओर बस एक ही आवाज आती रही “शहीद सुखसिंह अमर रहें”, “शहीद सुखसिंह अमर रहें”, “भारत माता की जय”. गलियों से गुजरने वाले हर सख्स के मुंह से भी सिर्फ एक ही लफ्ज निकलता रहा “शहीद सुखसिंह अमर रहें”.
बीजापुर के नक्सली हमले में शहीद हुए सुखसिंह फरस का पार्थिव शरीर आज शाम जैसे ही उनके गांव पहुंचा तो उन्हें अंतिम विदाई देने मोहदा के अलावा आसपास के गांवो के लोग बड़ी संख्या में इकठ्ठा हो गए. सबसे पहले शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक निवास ले जाया गया. पुलिस के जवान अपने साथी को गाड़ी से उतारकर अपने कंधों पर उठाकर उन्हें घर तक लेकर गए.
डेढ़ साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
यहां लोगो ने तिरंगे में लिपटे शहीद के अंतिम दर्शन किए. उसके बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गयी. इस दौरान लोगों का हजूम उमड़ पड़ा. जिस गली से भी उनकी अंतिम यात्रा गुजरी लोगों का कारवां बढ़ता चला गया. पंचतत्व में विलीन होने से पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. माहौल उस समय और भी गमगीन हो गया जब शहीद के डेढ़ साल के बेटे ने अपने दादा की गोद मे बैठकर पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान शहीद के पिता फागुराम और भाइयों ने अपने लाडले पर फक्र जताया. शहीद की पत्नी ने भी पति की शहादत को सलाम किया भले ही परिवार के सदस्यों ने रोते हुए अपने लाडले को विदाई दी मगर उन्होंने अपने लाडले की शहादत पर फक्र जाहिर किया है.