हटा (नईदुनिया न्यूज)। सिविल अस्पताल में पदस्थ कर्मचारियों की लापरवाही आए दिन सामने आती रहती है। शुक्रवार को इसका एक और नजारा देखा गया। जब बटियागढ़ ब्लाक से प्रसव कराने आई एक महिला का प्रसव कराने से नर्सों के द्वारा मना कर दिया गया। महिला के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि बेटी से बटियागढ़ स्वास्थ्य कें द्र में प्रसव कराने की बात कहकर अस्पताल से बाहर कर दिया। प्रसव के दर्द से तड़प रही महिला ने खुद को भर्ती करने की गुहार लगाई, लेकि न महिला नर्स ने अनसुना कर दिया गया। जिससे हटा से बाइक से वापस घर जाते समय रास्ते में ही महिला का प्रसव हो गया और बच्चा सड़क पर गिरने से उसकी हालत गंभीर हो गई। स्थानीय लोगों की मदद से एंबूलेंस बुलाकर जच्चा, बच्चा को गंभीर हालत में वापस सिविल अस्पताल हटा में भर्ती कि या गया।
108 वाहन के ईएमटी डॉक्टर चंद्रकि शोर पटेल और चालक भरत पाठक ने अपने हाथों से बच्चे को उठाकर चादर में लपेटा। बच्चे की हालत गंभीर होने पर जच्चा, बच्चा को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात नौ बजे बटियागढ़ ब्लाक के रोंसरा गांव निवासी सपना बाई पति भूरे सिंह 21 को प्रसव पीड़ा होने पर स्वजन पांच कि मी बाइक पर सफर तय कर सिविल अस्पताल हटा पहुंचे। महिला के साथ उसके पिता मुलू सिंह साथ थे उन्होंने बताया कि हटा में ड्यूटीरत नर्स एस बानो और प्रियंका दोनों नर्सों ने बटियागढ़ ब्लाक निवासी होने के चलते बेटी का प्रसव बटियागढ़ स्वास्थ्य कें द्र में कराने की बात कहकर उसे सिविल अस्पताल हटा से वापस लौटा दिया। ड्यूटी पर तैनात डाक्टर विदेश शर्मा ने भी महिला को प्राथमिक उपचार नहीं दिया अस्पताल के स्टॉफ की बातों पर यकीन करके जब प्रसूती सपना सिंह अपने पिता के साथ बाइक से घर जा रही थी। तभी रास्ते में सड़क पर ही प्रसव हो गया। शुक्रवार को यह घटना हटा के घुराघाट पुल के समीप सड़क पर हुई। सड़क पर प्रसव होने के कारण जच्चा, बच्चा की हालत बिगड़ गई। दोनों को गंभीर हालत में सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। हटा सिविल अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्थाएं कि सी से छिपी नहीं है। शुक्रवार की रात हटा सिविल अस्पताल में जो हुआ उसने एक बार फिर से ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर सरकारी स्वास्थ्स सेवाएं कब तक सुधर पाएंगी।
इस संबंध में ड्यूटीरत डॉक्टर सौरभ जैन से बात की तो उन्होंने कहा कि नर्सों द्वारा महिला को बेड पर लेटने के लिए बोला गया था और कु छ समय बाद प्रसव कराने की बात कही थी, लेकि न महिला अपने पति के साथ नहीं होने की बात कह रही थी और जब नर्से दूसरे मरीज को देख रही थी उसी दौरान महिला बेड से उठकर अस्पताल से वापस अपने घर चली गई। वहीं नर्स एस बानो और प्रियंका ने बताया कि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं उन्होंने महिला को बटियागढ़ जाने के लिए नहीं कहा बल्कि वह दूसरे मरीज को देख रही थी इतने में महिला चली गई। उन्होंने बताया कि हटा सिविल अस्पताल में तो पन्ना जिले से भी महिला प्रसव कराने आती हैं इस प्रकार के आरोप गलत हैं।