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शंकराचार्यजी बोले- देशवासी धैर्य रखें यह स्थिति अनंतकाल तक नहीं चलेगी

गोटेगांव/नरसिंहपुर (नईदुनिया न्यूज)। द्विपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने परमहंसी गंगा आश्रम से देशवासियों के नाम संदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि देशवासी धैर्य रखें यह स्थिति अनंतकाल तक नहीं चलेगी। शंकराचार्य ने कहा है कि आज विश्वव्यापी कोविड 19 महाव्याधि बनकर मंडरा रहा है। जोकि औषधरुपी हथियार के अभाव में अपराजेय है। जब कोई उपाय न हो तो धैय ही काम आता है। भारतवासियों ने इस महाव्याधि को अपने धैर्य और अनुशासन से असरहीन किया है। जिसको आज संपूर्ण विश्व में आदर की दृष्टि से देखा जा रहा है। हमारे यहां रोग आगंतुक है, विकार हैं। जबकि स्वास्थ्य हमारी आत्मा ही है और आत्मप्रदीप की वायु से रक्षा करना साधक का तप है।

इस आपातकाल में समस्य देशवासियों से आव्हान है कि आप कमर कसकर इस महारोग से उत्पन्न विपत्ति का सामना करते हुए अगर सामर्थ्य हो तो विपन्न लोगों की सहायता करें। इस विपत्ति के पूर्ण नियंत्रित होने में अभी न जाने कितना समय लगे और समस्या का निवारण के बाद भी देश को पटरी पर आने में कितना समय लगे। इस समस्या को मानसिक रूप से एकजुट होकर एवं शारीरिक रूप से दूरी बनाकर दूर भगाना है। उक्त बातों का पालन हम भी दृढ़तापूर्वक कर रहे है।

शंकराचार्य ने अपने संदेश में यह भी कहा है कि धर्म रूपी साध्य को पाने का मानवशरीर ही सबसे बड़ा साधन है। इस उक्ति से मानव शरीर की दुलर्भता का पता चलता है। हमारे आयुर्वेद आदि शास्त्र शरीर के नीरोग रहने के असंख्य उपाय बतलाते है और अंत में यह भी कहते है कि औषध का अभाव हो तो विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ ही औषध है। इसी तरह गंगाजल एवं गव्यादि को भी परमौषध माना गया है। मानव शरीर ईश्वर की सर्वोत्तम कृति है इसलिए कोई भी धार्मिक व्यक्ति इसको क्षति पहुंचाने का कार्य नहीं कर सकता है यह एक सामान्य नियम है। मानवता का दुश्मन ईश्वर का प्रिय कभी भी नहीं हो सकता।