बंगाल चुनाव: TMC-भाजपा की लड़ाई से कांग्रेस पसोपेश में, ममता हारती हैं तो ओवैसी की तरह लगेंगे आरोप
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला जैसे-जैसे करीब हो रहा है, कांग्रेस की धड़कने बढ़ती जा रही हैं। पार्टी को डर है कि लड़ाई में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कमजोर पडती है, तो इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। क्योंकि, टीएमसी ने वामदलों और कांग्रेस से चुनाव में साथ देने की अपील की थी।
कांग्रेस ने टीएमसी की अपील को खारिज करते हुए वामदलों के साथ मिलकर फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आईएसएफ के साथ गठबंधन किया, ताकि मुस्लिम वोट को हासिल किया जा सके। हालांकि अभी यह कहना मुश्किल है कि मुस्लिम वोट किस तरफ वोट करेगा।
कई नेता मानते हैं कि स्थिति को समझते हुए पार्टी को ममता का आग्रह स्वीकार कर लेना चाहिए। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब कांग्रेस तमिलनाडु में डीएमके के साथ 25 सीट पर चुनाव लड़ सकती हैं, तो इन चुनाव में टीएमसी के साथ गठबंधन करने में कोई बुराई नहीं थी।
'ओवैसी की तरह लग सकते हैं आरोप'
वर्ष 2011 के चुनाव में कांग्रेस टीएमसी के साथ गठबंधन में 66 सीट पर चुनाव लड़कर 42 सीट जीती थी। 2016 में वामदलों के साथ 92 सीट पर चुनाव लड़कर 44 जीत गए। वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम अभी तक सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर वोट काट कर भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हैं। यदि चुनाव में ममता बनर्जी हारती है, तो यह आरोप हमारे ऊपर भी लगेगा।
'कांग्रेस परोक्ष रूप से कर रही भाजपा की मदद'
पार्टी नेता हरिकेश बहादुर ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस अपनी भूमिका से पश्चिम बंगाल में भाजपा की परोक्ष रुप से मदद कर रही है। चुनाव की गंभीरता और स्थिति को समझते हुए शिवसेना, एनसीपी, राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा टीएमसी का समर्थन कर रही है। ऐसे में कांग्रेस को भी अपनी चुनाव रणनीति बनानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि यह अच्छा है कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बंगाल में प्रचार से दूर हैं। चार राज्यों में चुनाव खत्म होने के बाद भी उन्हें प्रचार नहीं करना चाहिए।