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Lakhimpur Kheri : ढंग से इलाज न कर पाने के कारण दो निजी अस्पताल सील

लखीमपुर खीरी। जिले में पान की दुकानों की तरह दिन पर दिन अस्पताल खुलते जा रहे हैं, लेकिन सच यह है कि इन पंजीकृत अस्पतालों में न तो कुशल डॉक्टर हैं और न ही प्रशिक्षित स्टाफ। इसका प्रमाण पिछले दो दिन में पलिया और मोहम्म्दी के निजी अस्पतालों में नवजात और प्रसूता सहित एक युवक की मौत होना है। तहसील प्रशासन ने इन दोनों अस्पतालों को सील कर दिया है। बड़ा सवाल यह है कि बिना सुविधाओं के इन अस्पतालों का पंजीकरण कैसे हो गया?
नवजात और महिला की मौत के बाद हुई कार्रवाई
पलियाकलां। सोमवार को मोहल्ला रंगरेजान तृतीय निवासी शरीफ की पत्नी शायमा का दुधवा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में प्रसव हुआ। इसके कुछ देर बाद नवजात की मौत हो गई। प्रसूता की हालत बिगड़ने पर अस्पताल के लोगों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां पहुंचने से पहले ही प्रसूता की भी मौत हो गई। जच्चा बच्चा की मौत से गुस्साए परिजन एवं मोहल्लेवासियों ने हंगामा करते हुए दुधवा रोड पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने घरवालों को समझा बुझाकर जाम खुलवाया।

बुधवार को तहसीलदार आशीष कुमार सिंह, सीएचसी अधीक्षक डॉ. हरेंद्र नाथ वरूण ने पुलिस बल के साथ अस्पताल को सील कर दिया। तहसीलदार आशीष कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल पंजीकृत हैं। सीएमओ के आदेश पर अस्पताल सीज कर दिया है। फिलहाल घरवालों ने पुलिस को तहरीर नहीं दी है।
मोहम्मदी: युवक की मौत के बाद हुई कार्रवाई
मोहम्मदी। गांव अलीनगर निवासी गुरु प्रसाद की मंगलवार को एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी, जिसे बुधवार को सील कर दिया गया। मृतक की पत्नी चमेली देवी ने डॉक्टर पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी थी। इस पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया था।
सीएचसी अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि तहसीलदार विकास धर दुबे के नेतृत्व में सीएचसी के डॉ. मोहित वीर सिंह ने वेदांता सिटी हॉस्पिटल को सील कर रिपोर्ट सीएमओ ऑफिस पर भेज दी है। अस्पताल संचालक से पंजीकरण प्रपत्र तलब किए हैं।

अस्पताल संचालक मयूर कांत राठौर का कहना है कि गुरुप्रसाद अस्पताल कंपाउंडर आदित्य के रिश्ते के चाचा थे। उन्होंने ही उनको भर्ती कराया था। मृतक के पेट में दर्द था। डॉ. रमेश सरकार ने उनकी जांच कराई, जिसमें दो तीन प्रतिशत ही लिवर शेष बचा था। इस पर डॉक्टर साहब ने बाहर ले जाकर दिखाने की सलाह दी थी। गुरुप्रसाद की मौत लिवर डैमेज होने से हुई है। फिलहाल दोनों में समझौता हो गया है। इसके एक दो दिन में कागज मिल जाएंगे। अस्पताल का पंजीकरण है। संबंधित प्रपत्र सीएचसी पर उपलब्ध करा दिए जाएंगे।