मैडम कविता ने जलाई कंजड़ों में शिक्षा की अलख, बदला स्कूल का चेहरा
साउथ की फिल्म मैडम गीता रानी तो सभी को याद होगी। मैडम गीता रानी की तरह ही प्राथमिक स्कूल भोजीपुरा द्वितीय की प्रधानाध्यापिका कविता यादव ने अपने स्कूल को बदल कर रख दिया। उन्होंने कंजड़ बिरादरी में शिक्षा की लौ जलाकर सामाजिक बदलाव की दिशा में बड़ा कदम उठाया।
भोजीपुरा ब्लाक के कंचनपुर गांव में 80 फीसदी आबादी कंजड़ समुदाय की है। इस समुदाय के बच्चे भी मजदूरी, रस्सी बनाकर बेचना, पत्थर से सिलबट्टा तैयार करना, शहद तोड़ना और जंगली जानवरों के शिकार जैसा कार्य करते हैं। अक्टूबर 2016 में कविता यादव ने गांव में स्थित स्कूल में प्रधानाध्यापक के रूप में पदभार ग्रहण किया। तब यह एकल अध्यापक के जरिए संचालित होता था।
स्कूल में बनवाई स्मार्ट कक्षा
कविता के आने के बाद स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बढ़ने लगी। उन्होंने स्कूल में विद्युतीकरण कराया। लाइट और पंखे लगने से बच्चों की संख्या 105 हो गई। उन्होंने स्कूल में स्मार्ट क्लास की स्थापना की। डिजिटल लाइब्रेरी बनवाई। जीरो पीरियड में बच्चे जिज्ञासा अनुसार पुस्तकों का अध्ययन करने लगे। 2020-21 में नामांकन बढ़कर 118 हो गया। उनके स्कूल के बच्चे जनपद स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी अपने हुनर का जलवा बिखरने लगे।
लॉक डाउन में भी खूब पढ़े बच्चे
लॉक डाउन के दौरान भी कविता ने ऑनलाइन क्लास, ई पाठशाला, व्हाट्सएप ग्रुप, दीक्षा एप, रीड एलांग एप के माध्यम से पठन-पाठन कराया गया। कंपोजिट ग्रांट से स्कूल में किचन शेड बनवाया। ऑपरेशन कायाकल्प से टाइल लगवाए। मल्टीपल हैंड वॉश सिस्टम, विद्यालय में गेट और चारदीवारी का निर्माण कराया। कविता अपनी सफलता का श्रेय अपने स्टाफ को देती हैं।