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राष्ट्रीय खेल घोटाले के अभियुक्त शुकदेव सुबोध गांधी को झटका, याचिका खारिज

बहुचर्चित 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में अप्राथमिकी अभियुक्त शुकदेव सुबोध गांधी की अग्रिम जमानत याचिका निगरानी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने सुनवाई पश्चात खारिज कर दी। शुकदेव सुबोध गांधी का नाम अनुसंधान के क्रम में सामने आया था। इसी के बाद से उनकी मुश्किलें बढ़ गई है। वह निविदा समिति के सदस्य थे। खेल सामग्री एवं अन्य खरीदारी की निविदा बैठक में शामिल होने के बावजूद किसी बात पर कभी भी आपत्ति नहीं दर्ज की। कंपनी से मिलीभगत एवं पद का दुरुपयोग किया। जिसकी वजह से सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा।

याचिका पर सुनवाई के दौरान निगरानी के विशेष लोक अभियोजक एके गुप्ता ने अग्रिम जमानत का विरोध किया और अदालत के समक्ष उनके खिलाफ अनुसंधान में मिले साक्ष्य को रखा। 

कहा कि फाइनांसियल बीड-1 में एल-वन था, लेकिन उसको कार्य नहीं दिए जाने के वजह से गजल कैटरर को 2.80 करोड़ रुपये अधिक दर पर कार्य आवंटित किया गया। जिससे राजस्व की क्षति हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आरोपी की याचिका खारिज कर दी। आरोपी ने 17 मार्च को अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। राष्ट्रीय खेल घोटाले को लेकर एबीसी ने कांड संख्या 49/10 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। 28.34 करोड़ रुपए के घोटाले मामले में तत्कालीन खेल मंत्री बंधु तिर्की, आयोजन सचिव एस एम हाशमी समेत कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी व अन्य लोग शामिल हैं। पिछले दिनों निविदा समिति के सदस्य अजीत लुईस लकड़ा की याचिका अदालत ने खारिज की थी।